OLD Pension Scheme: पुरानी पेंशन बहाली पर वित्त मंत्री का बड़ा बयान

हाल ही में संसद सत्र के दौरान वित्त मंत्री ने OLD Pension Scheme को लेकर एक अहम बयान दिया, जिसने लाखों सरकारी कर्मचारियों के बीच चर्चा का माहौल बना दिया है। यह मुद्दा लंबे समय से चर्चा में रहा है क्योंकि नई पेंशन योजना (NPS) लागू होने के बाद से पुरानी पेंशन प्रणाली खत्म कर दी गई थी। लेकिन अब फिर से इसे बहाल करने की मांग तेज हो गई है।

OLD Pension Scheme क्या है?

पुरानी पेंशन योजना यानी OLD Pension Scheme एक ऐसी सरकारी व्यवस्था थी, जिसमें सेवानिवृत्ति के बाद सरकारी कर्मचारियों को उनकी अंतिम वेतन का एक निश्चित प्रतिशत पेंशन के रूप में आजीवन मिलता था। यह पूरी तरह सरकार द्वारा वित्त पोषित होती थी और इसमें कर्मचारियों को अपने वेतन से कोई योगदान नहीं देना पड़ता था।

इस योजना के तहत पेंशन महंगाई भत्ता (DA) के साथ जुड़ी होती थी, जिससे समय-समय पर महंगाई के हिसाब से पेंशन बढ़ती रहती थी। यह कर्मचारियों के लिए आर्थिक सुरक्षा का मजबूत साधन माना जाता था।

नई पेंशन योजना (NPS) क्यों आई?

साल 2004 में केंद्र सरकार ने पुरानी पेंशन योजना बंद करके National Pension System (NPS) लागू कर दिया। NPS के तहत कर्मचारियों को अपने वेतन का एक निश्चित प्रतिशत पेंशन फंड में जमा करना होता है और सरकार भी इसमें योगदान देती है।

NPS में पेंशन राशि निवेश के रिटर्न पर निर्भर होती है, यानी यह तय नहीं होता कि सेवानिवृत्ति के बाद आपको कितनी पेंशन मिलेगी। यही वजह है कि कई कर्मचारी NPS को असुरक्षित मानते हैं और OLD Pension Scheme की वापसी की मांग कर रहे हैं।

वित्त मंत्री का ताजा बयान

संसद में पूछे गए सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि वर्तमान में केंद्र सरकार का OLD Pension Scheme को बहाल करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। हालांकि उन्होंने यह भी माना कि कुछ राज्य सरकारों ने अपने कर्मचारियों के लिए OPS (Old Pension Scheme) को फिर से लागू करने का निर्णय लिया है।

राजस्थान, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश और पंजाब जैसे राज्यों ने पहले ही OPS लागू करने का ऐलान कर दिया है। लेकिन केंद्र सरकार का कहना है कि यह कदम लंबी अवधि में वित्तीय बोझ बढ़ा सकता है।

किन राज्यों ने OPS लागू किया?

इंटरनेट सर्च के मुताबिक, OPS Restoration से जुड़े ताजा आंकड़ों के अनुसार:

  • राजस्थान: अशोक गहलोत सरकार ने 2022 में OPS बहाल किया।

  • छत्तीसगढ़: भूपेश बघेल सरकार ने भी OPS लागू किया।

  • पंजाब: भगवंत मान सरकार ने भी OPS को मंजूरी दी।

  • हिमाचल प्रदेश: सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने OPS लागू किया।

यह कदम कर्मचारियों द्वारा स्वागत योग्य माना गया, लेकिन कई अर्थशास्त्रियों ने इसे भविष्य में राज्य की वित्तीय स्थिति के लिए चुनौती बताया।

OLD Pension Scheme और NPS में फर्क

बिंदु OPS (Old Pension Scheme) NPS (New Pension Scheme)
योगदान कर्मचारी से कोई योगदान नहीं कर्मचारी और सरकार दोनों का योगदान
पेंशन राशि अंतिम वेतन का प्रतिशत निवेश रिटर्न पर आधारित
महंगाई भत्ता जुड़ा हुआ और समय-समय पर बढ़ता निश्चित रूप से नहीं जुड़ा
सुरक्षा पेंशन जीवनभर गारंटीड गारंटी नहीं, मार्केट पर निर्भर

OPS Restoration पर बहस

OPS बहाली के समर्थकों का कहना है कि यह कर्मचारियों को आर्थिक सुरक्षा देता है और उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद सम्मानजनक जीवन जीने में मदद करता है।
विरोध करने वालों का तर्क है कि OPS से सरकार पर पेंशन का बोझ बढ़ता है, जिससे विकास परियोजनाओं पर असर पड़ सकता है।

भविष्य की संभावना

हालांकि केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि फिलहाल OPS बहाल करने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन राज्यों का रुख और कर्मचारियों का दबाव इस मुद्दे को आने वाले चुनावों में एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बना सकता है। अगर अधिक राज्य OPS बहाल करते हैं, तो केंद्र पर भी इसे पुनः लागू करने का दबाव बढ़ सकता है।

OLD Pension Scheme सिर्फ एक पेंशन सिस्टम नहीं, बल्कि लाखों सरकारी कर्मचारियों के लिए उनकी रिटायरमेंट के बाद की जीवन सुरक्षा है। भले ही केंद्र सरकार अभी इसे बहाल करने के मूड में न हो, लेकिन राज्यों के फैसलों और कर्मचारियों की मांगों से यह मुद्दा राजनीति और अर्थव्यवस्था दोनों में चर्चा का केंद्र बना रहेगा।

Disclaimer
इस ब्लॉग में दी गई जानकारी विभिन्न सरकारी स्रोतों और समाचार पोर्टलों पर आधारित है। इसका उद्देश्य केवल जागरूकता फैलाना है। किसी भी निर्णय या योजना से जुड़ी आधिकारिक जानकारी के लिए संबंधित सरकारी विभाग या आधिकारिक वेबसाइट देखें।

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