भारत सरकार और राज्य सरकारें समय-समय पर गरीब और जरूरतमंद परिवारों को राहत देने के लिए राशन कार्ड योजना (Ration Card Yojana) के तहत मुफ्त या सस्ता राशन उपलब्ध कराती रही हैं। लंबे समय से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत करोड़ों परिवारों को फ्री गेहूं और चावल दिया जा रहा था। लेकिन अब खबरें सामने आ रही हैं कि 1 सितंबर से फ्री राशन बंद हो सकता है और इससे गरीब परिवारों को बड़ा झटका लग सकता है। आइए जानते हैं पूरी जानकारी विस्तार से।
राशन कार्ड और सरकारी योजना की अहमियत
राशन कार्ड केवल पहचान पत्र ही नहीं बल्कि गरीबों के लिए जीवन रेखा है। इसके जरिए सरकार सस्ता गेहूं, चावल, चीनी, दाल, तेल और अन्य जरूरी सामान मुहैया कराती है। अब तक कई सालों से करोड़ों परिवारों को फ्री राशन मिल रहा था, जिससे उनका घर चलाना आसान हो गया था। लेकिन जैसे ही फ्री राशन योजना बंद होगी, उन्हें बाजार से महंगे दाम पर अनाज खरीदना पड़ेगा।
क्यों बंद हो सकता है फ्री राशन?
फ्री राशन को लेकर सरकार पर काफी आर्थिक बोझ पड़ रहा है। हर महीने लाखों करोड़ का खर्च केंद्र और राज्य सरकारें उठाती हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक अब सरकार धीरे-धीरे फ्री राशन योजना को खत्म करने की तैयारी कर रही है।
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सरकार का मानना है कि अब हालात पहले जैसे नहीं हैं।
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कोरोना के समय फ्री राशन शुरू हुआ था ताकि कोई भूखा न रहे।
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लेकिन अब स्थिति सामान्य हो चुकी है, इसलिए मुफ्त अनाज योजना को बंद किया जा सकता है।
1 सितंबर से क्या बदल जाएगा?
अगर योजना में बदलाव होता है तो 1 सितंबर से गरीब परिवारों को फ्री राशन नहीं मिलेगा। यानी गेहूं और चावल का कोटा तो मिलेगा लेकिन इसके लिए पैसे देने होंगे।
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पहले की तरह 2 रुपये किलो गेहूं और 3 रुपये किलो चावल की दर से अनाज मिलेगा।
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लेकिन फ्री का कोटा बंद हो सकता है।
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इससे सीधे करोड़ों राशन कार्ड धारकों की जेब पर असर पड़ेगा।
किन लोगों को होगा असर?
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जिन परिवारों के पास अंत्योदय राशन कार्ड (AAY) है, उन पर सबसे ज्यादा असर होगा।
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गरीब और मजदूर वर्ग जिनकी आय बेहद कम है, उन्हें अब अतिरिक्त खर्च उठाना होगा।
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ग्रामीण इलाकों में रहने वाले परिवार जिन्हें पूरी तरह सरकार की मदद पर निर्भर रहना पड़ता है, उनके लिए यह बड़ा झटका होगा।
राशन कार्ड योजना का फायदा लेने वाले
Ration Card Yojana का लाभ हर उस भारतीय परिवार को मिलता है जिसकी आर्थिक स्थिति कमजोर है। इसके तहत:
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बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) परिवार
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अंत्योदय परिवार
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ग्रामीण और शहरी गरीब
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प्रवासी मजदूर
सभी को सस्ता या मुफ्त अनाज दिया जाता है।
सरकार की नई तैयारी
हालांकि सरकार पूरी तरह से योजना बंद नहीं करेगी। बल्कि हो सकता है कि फ्री राशन की जगह सस्ता राशन जारी रखा जाए।
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जैसे पहले 2 रुपये किलो गेहूं और 3 रुपये किलो चावल मिलता था, वही सिस्टम दोबारा लागू हो सकता है।
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इससे सरकार पर आर्थिक बोझ कम होगा और लोगों को भी राहत मिलती रहेगी।
जनता में चिंता और गुस्सा
जैसे ही खबर आई कि फ्री राशन बंद हो सकता है, गरीब परिवारों में डर और चिंता बढ़ गई है। कई लोगों का कहना है कि रोजगार की स्थिति अभी भी कमजोर है और महंगाई लगातार बढ़ रही है। ऐसे में अगर मुफ्त अनाज बंद हो गया तो परिवार का खर्च बढ़ जाएगा।
सरकार की ओर से अभी तक आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है लेकिन संकेत यही मिल रहे हैं कि 1 सितंबर से फ्री राशन योजना बंद हो सकती है। गरीब परिवारों को अब बाजार दर से सस्ता अनाज तो मिलेगा लेकिन बिल्कुल मुफ्त अनाज का लाभ नहीं मिलेगा। यह फैसला सरकार पर आर्थिक बोझ कम करेगा, लेकिन गरीब परिवारों के लिए यह चिंता की बड़ी वजह है।
Disclaimer
इस ब्लॉग में दी गई जानकारी विभिन्न समाचार स्रोतों और इंटरनेट अपडेट्स पर आधारित है। इसका उद्देश्य केवल जनजागरूकता है। किसी भी तरह की योजना या नियम की सटीक और आधिकारिक जानकारी के लिए कृपया संबंधित सरकारी विभाग या आधिकारिक पोर्टल पर जाएं।