फ्री राशन बंद! 1.7 करोड़ Ration Card परिवारों को अब नहीं मिलेगा सरकारी लाभ – जानें वजह

भारत सरकार ने पिछले कुछ सालों में गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को राहत देने के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई हैं। इन्हीं योजनाओं में से एक है Free Ration Scheme, जिसके तहत लाखों परिवारों को मुफ्त अनाज उपलब्ध कराया जा रहा था। कोरोना महामारी के समय यह योजना किसी वरदान से कम साबित नहीं हुई थी क्योंकि उस कठिन दौर में लोगों को खाने-पीने की वस्तुओं की चिंता नहीं करनी पड़ी। लेकिन अब खबर आ रही है कि करीब 1.7 करोड़ Ration Card परिवारों को फ्री राशन का लाभ नहीं मिलेगा। इसका कारण सरकार की नई नीति और लाभार्थियों की पात्रता में बदलाव बताया जा रहा है।

सबको नहीं मिलेगा फ्री अनाज! गरीब कल्याण योजना में बड़ा बदलाव, अब राशन कार्ड का बड़ा रोल - free ration scheme new rule in new year 2023 beneficiaries ration card holders how

Free Ration Scheme क्या है और क्यों शुरू हुई थी

कोरोना महामारी के समय जब पूरे देश में लॉकडाउन लगा था, तब करोड़ों लोग बेरोजगार हो गए थे। रोज़मर्रा की जरूरतें पूरी करना मुश्किल हो गया था। उस समय सरकार ने गरीबों को मुफ्त अनाज देने का फैसला किया। इसे प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के नाम से चलाया गया। इस योजना में हर योग्य परिवार को प्रति सदस्य 5 किलो चावल या गेहूं और 1 किलो दाल दी गई। इस योजना ने करोड़ों लोगों को भूख से बचाया और उनकी जिंदगी को संभाला।

अब क्यों बंद हो रहा है 1.7 करोड़ परिवारों का लाभ

सरकार का कहना है कि फ्री राशन का लाभ केवल उन्हीं लोगों को मिलना चाहिए जो वास्तव में गरीब और जरूरतमंद हैं। जांच में यह सामने आया कि कई लोग जो इस योजना का लाभ ले रहे थे, वे आर्थिक रूप से सक्षम हैं और सरकारी मापदंडों के अनुसार पात्र नहीं हैं। ऐसे लोगों के Ration Card की जांच की जा रही है और जिनका नाम योग्य सूची में नहीं आता, उन्हें योजना से बाहर किया जा रहा है। यही वजह है कि करीब 1.7 करोड़ परिवारों को फ्री राशन का लाभ अब बंद कर दिया गया है।

सरकार की पात्रता जांच प्रक्रिया

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सरकार ने राज्य सरकारों के साथ मिलकर यह जांच शुरू की है कि किन लोगों को मुफ्त राशन की असल में जरूरत है। कई जगह पर पाया गया कि लोगों के पास पक्के मकान, खुद की गाड़ी, खेती की जमीन या स्थायी नौकरी होने के बावजूद वे मुफ्त राशन ले रहे थे। ऐसे मामलों में पात्रता खत्म कर दी गई है। सरकार का उद्देश्य है कि Free Ration Scheme का लाभ केवल उन तक पहुंचे जो वास्तव में गरीब हैं और जिनकी आय इतनी कम है कि वे अनाज खरीदने में असमर्थ हैं।

इसका असर किन परिवारों पर होगा

जिन परिवारों के Ration Card रद्द कर दिए गए हैं या जिनकी पात्रता खत्म की गई है, उन्हें अब सरकारी दुकानों से फ्री अनाज नहीं मिलेगा। उन्हें बाजार से ही अपना राशन खरीदना होगा। हालांकि, जो लोग पात्र हैं और जिनका नाम अभी भी सरकारी सूची में है, उन्हें पहले की तरह हर महीने मुफ्त राशन मिलता रहेगा। इसका सीधा असर उन लोगों पर होगा जो बिना असल पात्रता के इस योजना का लाभ ले रहे थे।

विपक्ष और जनता की प्रतिक्रिया

फ्री राशन बंद करने के फैसले पर विपक्षी दलों ने सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि सरकार गरीबों को राहत देने के बजाय उनका सहारा छीन रही है। वहीं सरकार का दावा है कि इस कदम से वास्तव में जरूरतमंदों तक योजना का लाभ पहुंचेगा और फर्जीवाड़ा बंद होगा। कई लोगों का यह भी कहना है कि जिन परिवारों की आय थोड़ी बेहतर हुई है, वे भी बाजार से अनाज खरीद सकते हैं और सरकारी योजनाओं का लाभ उन लोगों तक पहुंचना चाहिए जो बिल्कुल गरीब हैं।

भविष्य में क्या होगा

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सरकार की योजना है कि राशन वितरण प्रणाली को और पारदर्शी बनाया जाए। इसके लिए डिजिटल राशन कार्ड, आधार कार्ड लिंकिंग और One Nation One Ration Card जैसे कदम उठाए जा रहे हैं। आने वाले समय में संभव है कि राशन कार्डधारकों की आय और अन्य आर्थिक स्थिति की समय-समय पर जांच होती रहे। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी योग्य व्यक्ति को फ्री राशन से वंचित न किया जाए और अपात्र लोगों को योजना से बाहर रखा जाए।

गरीबों के लिए सरकार की अन्य योजनाएं

फ्री राशन योजना के अलावा भी सरकार कई तरह की योजनाएं चला रही है, जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना, जनधन योजना और मनरेगा। इन योजनाओं का मकसद गरीब और कमजोर वर्ग को आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूत बनाना है। सरकार का दावा है कि फ्री राशन बंद होने से जो पैसा बचेगा, उसे अन्य योजनाओं के जरिए गरीबों तक पहुंचाया जाएगा ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।

Free Ration Scheme का लाभ बंद होना उन लोगों के लिए बड़ा झटका है जिनका नाम अब सरकारी सूची से हटा दिया गया है। लेकिन अगर देखा जाए तो यह फैसला सरकार ने पारदर्शिता और न्यायसंगत वितरण के लिए लिया है। असल में फ्री राशन का हकदार वही है जो गरीबी रेखा से नीचे जीवन गुजार रहा है। इस फैसले से एक ओर जहां अपात्र लोग बाहर होंगे, वहीं दूसरी ओर जरूरतमंद परिवारों को राहत मिलती रहेगी।

Disclaimer

इस लेख में दी गई जानकारी सरकारी वेबसाइटों, समाचार रिपोर्टों और इंटरनेट स्रोतों से ली गई है। यह केवल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी आधिकारिक जानकारी या योजना का लाभ लेने से पहले संबंधित विभाग की वेबसाइट पर जाकर ताज़ा विवरण अवश्य देखें।

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