भारत में दूध हमेशा से हर घर की ज़रूरत का हिस्सा रहा है। सुबह की चाय से लेकर बच्चों के हेल्थ ड्रिंक तक और मिठाइयों से लेकर दही-घी तक, दूध की मांग कभी कम नहीं होती। लेकिन पिछले कुछ सालों से दूध की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी की जेब पर बोझ डाल दिया था। इसी बीच सरकार द्वारा जारी किए गए नए Milk Price New Rule ने चर्चा का माहौल बना दिया है। कहा जा रहा है कि जीएसटी (GST) के बाद दूध के दामों में भारी गिरावट देखने को मिलेगी और अब 1 लीटर दूध के लिए लोगों को पहले की तुलना में कम पैसे खर्च करने होंगे।

जीएसटी और दूध की कीमतों का सीधा संबंध
बहुत से लोग यह सवाल पूछते हैं कि आखिर जीएसटी का दूध पर असर क्यों पड़ेगा। असल में दूध एक आवश्यक वस्तु (Essential Commodity) है जिस पर सरकार लंबे समय से टैक्स छूट देती आई है। पहले अलग-अलग राज्यों में दूध की कीमत पर वैट (VAT) और लोकल टैक्स लगते थे, जिससे दाम अलग-अलग जगहों पर अलग होते थे। लेकिन जीएसटी लागू होने के बाद टैक्स स्ट्रक्चर एक समान हो गया है।
सरकार का नया Milk Price New Rule कहता है कि बिना ब्रांड वाला पैक्ड दूध और ढीला दूध पूरी तरह टैक्स-फ्री रहेगा, जबकि कुछ ब्रांडेड मिल्क प्रोडक्ट्स जैसे फ्लेवर मिल्क या कंडेन्स्ड मिल्क पर ही जीएसटी लगेगा। इसका सीधा असर यह हुआ है कि बेसिक मिल्क की कीमतों में राहत मिल सकती है और ग्राहकों को 1 लीटर दूध पहले से सस्ते रेट पर मिलने की उम्मीद है।
1 लीटर दूध की नई कीमत कितनी हो सकती है
नए नियमों के बाद कई मीडिया रिपोर्ट्स में अनुमान लगाया गया है कि 1 लीटर दूध की कीमत 2 से 3 रुपये तक कम हो सकती है। उदाहरण के तौर पर अगर किसी शहर में पहले 1 लीटर दूध 56 रुपये में मिल रहा था, तो अब यह 53 या 54 रुपये में उपलब्ध हो सकता है। हालांकि यह गिरावट ब्रांड, क्वालिटी और डिस्ट्रीब्यूशन पर भी निर्भर करेगी। ग्रामीण क्षेत्रों में जहां दूध सीधे डेयरी से आता है, वहां कीमत और भी कम हो सकती है।
किसानों और डेयरी इंडस्ट्री पर असर
Milk Price New Rule केवल उपभोक्ताओं के लिए ही फायदेमंद नहीं है, बल्कि इसका असर किसानों और डेयरी उद्योग पर भी पड़ेगा। किसानों को सरकार की तरफ से उत्पादन और सप्लाई चैन पर टैक्स रिलीफ मिलने से उनका मार्जिन सुधर सकता है। इससे उन्हें उचित दाम मिलेंगे और ग्राहक को भी कम कीमत पर दूध उपलब्ध होगा। यह एक तरह से win-win situation मानी जा रही है।
लेकिन यह भी सच है कि डेयरी इंडस्ट्री को बिजली, फीड और ट्रांसपोर्टेशन की बढ़ती लागत का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में जीएसटी से हुई राहत कितने समय तक ग्राहकों तक पहुंच पाएगी, यह देखने वाली बात होगी।
आम जनता के लिए राहत
हर महीने एक आम परिवार दूध पर अच्छा-खासा खर्च करता है। छोटे बच्चों वाले घरों में तो दूध का खर्च और भी ज्यादा होता है। अगर 1 लीटर दूध के दामों में 2 से 3 रुपये की भी कमी आती है, तो महीने के हिसाब से परिवार की जेब में 200 से 300 रुपये तक की बचत हो सकती है। यही वजह है कि लोग Milk Price New Rule को लेकर काफी उत्साहित हैं।
ऑनलाइन मिल्क डिलीवरी और नए दाम
आजकल UrbanClap, BigBasket, Supr Daily और Milkbasket जैसी online milk delivery services बहुत लोकप्रिय हो गई हैं। इन कंपनियों ने भी जीएसटी रेट्स में बदलाव के बाद अपने ग्राहकों को सस्ती कीमतों पर दूध देने का ऐलान किया है। अब लोग mobile app पर order करके सुबह अपने दरवाजे पर कम दाम में ताजा दूध पा सकते हैं।
दूध से जुड़े अन्य प्रोडक्ट्स पर असर
Milk Price New Rule का असर केवल plain milk तक सीमित नहीं है। दूध से बने प्रोडक्ट्स जैसे दही, पनीर, मक्खन और घी पर भी परोक्ष रूप से असर पड़ेगा। हालांकि इन प्रोडक्ट्स पर अलग-अलग जीएसटी रेट लागू हैं, लेकिन बेसिक दूध की कीमतें घटने से इनकी लागत भी कुछ हद तक कम हो सकती है।
Disclaimer:
यह जानकारी सरकारी वेबसाइट्स, न्यूज़ और इंटरनेट सोर्सेज से इकट्ठा की गई है।
इसका उद्देश्य केवल जागरूकता फैलाना है।