भारत की अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा आधार कृषि क्षेत्र है और किसानों को सस्ती दरों पर बीज, खाद और उपकरण उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता रही है। हाल ही में किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। सरकार ने Kisan Ko Muft Khad योजना के तहत किसानों को मुफ्त में दो बोरी यूरिया और DAP खाद देने की घोषणा की है। इस फैसले का मकसद किसानों की लागत को कम करना और उत्पादन को बढ़ावा देना है।

Kisan Ko Muft Khad योजना क्यों है खास
पिछले कुछ सालों में खाद और उर्वरक की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिली है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे माल की कीमतें बढ़ने से यूरिया और DAP जैसी खाद महंगी हो गई है। इसका सीधा असर छोटे और मध्यम किसानों पर पड़ता है क्योंकि उनकी आय सीमित होती है और महंगी खाद खरीदना उनके लिए मुश्किल हो जाता है। ऐसे समय में Kisan Ko Muft Khad योजना किसानों को राहत देने के लिए लाई गई है। इस योजना से किसानों को खेती की लागत कम करने में मदद मिलेगी और वे ज्यादा जमीन पर खेती कर पाएंगे।
किन किसानों को मिलेगा मुफ्त खाद का लाभ
इस योजना का लाभ सभी पात्र किसानों को मिलेगा। खासतौर पर वे किसान जो छोटे और सीमांत श्रेणी में आते हैं यानी जिनके पास बहुत कम जमीन है। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि मुफ्त खाद का वितरण पारदर्शी तरीके से हो और हर पात्र किसान तक इसका लाभ पहुंचे। इसके लिए किसानों को अपने नाम से पंजीकरण करवाना जरूरी है। जिन किसानों के पास आधार कार्ड और बैंक खाता है, वे आसानी से इस योजना में शामिल हो सकते हैं।
कैसे मिलेगा मुफ्त खाद
Kisan Ko Muft Khad योजना के तहत किसानों को अपने नजदीकी कृषि केंद्र या सहकारी समिति में संपर्क करना होगा। वहां पर उन्हें अपना आधार कार्ड, खसरा-खतौनी की कॉपी और बैंक खाते की जानकारी देनी होगी। इसके बाद अधिकारी उनकी पात्रता की जांच करेंगे और पात्र पाए जाने पर किसान को मुफ्त खाद उपलब्ध कराई जाएगी। किसानों को एक बार में दो बोरी यूरिया और DAP खाद दी जाएगी, ताकि वे अपनी फसल के लिए पर्याप्त पोषण प्राप्त कर सकें।
यूरिया और DAP खाद क्यों जरूरी है
खेती में यूरिया और DAP खाद की अहम भूमिका होती है। यूरिया से फसल को नाइट्रोजन मिलती है जो पौधों की वृद्धि और हरेपन के लिए जरूरी है। वहीं DAP यानी डाय-अमोनियम फॉस्फेट से फसल को फॉस्फोरस मिलता है जो जड़ों की मजबूती और उत्पादन बढ़ाने में मदद करता है। यदि ये दोनों खाद सही मात्रा में दी जाएं तो पैदावार कई गुना तक बढ़ सकती है। यही कारण है कि सरकार ने Kisan Ko Muft Khad योजना के तहत इन्हीं खादों को चुना है।
किसानों की लागत में कमी
कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि खाद की बढ़ती कीमतें किसानों के लिए सबसे बड़ी चुनौती हैं। कई बार किसान महंगी खाद खरीदने में असमर्थ रहते हैं और फसल की पैदावार कम हो जाती है। लेकिन इस योजना से किसानों की लागत घटेगी और उन्हें उत्पादन पर ज्यादा ध्यान देने का मौका मिलेगा। मुफ्त खाद मिलने से किसानों का आर्थिक बोझ काफी हद तक कम होगा और वे अन्य जरूरी चीजों पर निवेश कर पाएंगे।
Disclaimer: इस ब्लॉग में दी गई जानकारी सरकारी वेबसाइट्स, समाचार और इंटरनेट स्रोतों से संकलित की गई है। इसका उद्देश्य केवल जागरूकता फैलाना है।