CBDT Audit Date Extension 2025: टैक्स ऑडिट Due Date Extension और Latest News जानकारी

भारत में करदाता और चार्टर्ड एकाउंटेंट्स (CA) सदैव यह जानने की कोशिश करते रहते हैं कि CBDT audit date extension 2025 की क्या स्थिति है, क्योंकि ऑडिट रिपोर्ट समय पर फाइल करना बहुत महत्वपूर्ण है। इस ब्लॉग में मैं विस्तार से समझाऊँगा कि Income Tax Act की व्याख्या क्या है, ऑडिट आखिरी तिथि (audit last date 2025), tax audit due date extension, latest news, और उन सब पहलुओं पर जो करदाता जानना चाहें।

ऑडिट और Tax Audit की मूल जानकारी (Income Tax Audit)

Income Tax Act, 1961 के अंतर्गत, कुछ करदाताओं को अपनी आय या कारोबार की पुस्तकों का ऑडिट करना अनिवार्य है। यह ऑडिट खासकर उन लोगों के लिए ज़रूरी है जिनका कारोबार या turnover एक निश्चित सीमा से ऊपर हो, या वे प्रोफेशनल सेवाएं देते हों। इस ऑडिट का मकसद यह सत्यापित करना है कि उनके खातों में कोई गलत अंक नहीं हो, खर्च सही तरीके से दिखाए गए हों और टैक्स कानून का सही अनुपालन हुआ हो। इस प्रक्रिया में चार्टर्ड एकाउंटेंट द्वारा books of accounts, ledger, vouchers, बैंक स्टेटमेंट आदि की जांच की जाती है।

प्रत्येक ऑडिट रिपोर्ट को Income Tax Return (ITR) के साथ तय तिथि तक दायर करना होता है। यदि ऑडिट रिपोर्ट समय पर न दी जाए, तो प्रावधान अनुसार Section 271B के तहत penalty लग सकती है। इसलिए करदाता और CA दोनों को यह पता होना चाहिए कि audit due date कब है और यदि अधिक समय चाहिए तो audit date extension संभव है या नहीं।

ऑडिट डेट की सामान्य डेडलाइन — Audit Last Date 2025 (Tax Audit Due Date Normally)

पहले से तय की गई समय सारिणी (Tax Calendar) के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024-25 (Assessment Year 2025-26) की ऑडिट रिपोर्ट की सामान्य आखिरी तिथि 30 सितंबर 2025 थी। यह वह दिन था जब CA को अपनी ऑडिट रिपोर्ट सबमिट करनी होती थी। यदि कोई कंपनी या प्रोफेशनल ऐसा हो जिसके खातों का ऑडिट अनिवार्य है, तो उन्हीं को यह डेडलाइन फॉलो करनी होगी।

लेकिन अक्सर विभिन्न कारणों से (जैसे कि पोर्टल तकनीकी समस्या, प्राकृतिक आपदा, काम अधिक होना आदि) समय पर रिपोर्ट देना मुश्किल हो जाता है। ऐसे मामलों में extension की मांग उठती है। कुछ हाई कोर्ट ने आदेश दिए हैं कि इस डेडलाइन को बढ़ाया जाए।

Latest News — CBDT ने डेडलाइन बढ़ाई (Due Date Extension Latest News)

सितंबर 2025 की एक बड़ी खबर यह है कि CBDT extends the due date for filing income tax audit reports और ऑडिट रिपोर्ट की समय सीमा को 30 सितंबर से बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2025 कर दिया गया है।  यह विशिष्ट रूप से उन assessees पर लागू होगा जो Section 139 (1) Explanation 2, clause (a) के अंतर्गत आते हों।  इस आदेश से करदाताओं को लगभग एक महीने की अतिरिक्त राहत मिली है।

इसके अलावा, राजस्थान हाई कोर्ट (Jodhpur Bench) ने भी एक अंतरिम आदेश जारी किया है जिसमें CBDT को ऑडिट रिपोर्ट की डेडलाइन 31 अक्टूबर 2025 तक बढ़ाने का निर्देश दिया है। इसी तरह, कर्नाटक हाई कोर्ट ने भी समान आदेश दिए हैं।

हालाँकि, यह ध्यान देना ज़रूरी है कि यह extension पूरे देश में स्वतः लागू नहीं होगा जब तक कि CBDT या सरकार इसे सभी राज्यों में आधिकारिक रूप से लागू न करे।

एक अन्य महत्वपूर्ण खबर यह है कि कर विशेषज्ञों और tax practitioners की समूह ने CBDT से अनुरोध किया है कि ITR और tax audit due date को और आगे बढ़ाया जाए, क्योंकि portal glitches, प्राकृतिक आपदाएँ और compliance issues सामने आ रही हैं।

Extension का अधिकार और प्रक्रिया (CBDT Notification & Authority)

CBDT को आयकर अधिनियम की धारा 119 के अंतर्गत वह शक्ति प्राप्त है कि वह किसी विशेष तिथि (specified date) को संशोधित या बढ़ा सकता है यदि नियमानुसार कारण हो।  उदाहरणतः, Circular No. 12/2025 जारी की गई है जिसमें ITR की अंतिम तिथि non-audit मामलों के लिए 15 सितंबर से 16 सितंबर 2025 तक बढ़ाई गई है। इसी तरह, ऑडिट रिपोर्ट पर सरकार या CBDT द्वारा अधिसूचना जारी कर समय बढ़ाना संभव है।

जब हाई कोर्ट interim आदेश जारी करती है, तो वह सरकार और CBDT को निर्देश देती है कि वह अधिसूचना जारी करें या कानून की समीक्षा करें। यदि CBDT उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील न करे, तो लाभार्थी राज्यों में वह extension लागू हो जाती है।  इस प्रक्रिया में CA, tax associations और अदालत की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होती है।

Extension के बाद की चेतावनियाँ और Penalty

भले ही tax audit due date extension मिल जाए, पर यदि कोई करदाता या CA उस नए समय सीमा (31 अक्टूबर 2025) के बाद रिपोर्ट जमा करता है, तो penalty लग सकती है। Section 271B के अनुसार, ऑडिट रिपोर्ट देर से जमा करने पर या न जमा करने पर 0.5% of total sales, turnover या gross receipts तक penalty हो सकती है, लेकिन अधिकतम सीमित राशि ₹1,50,000 तक हो सकती है।

यदि सीबीडीटी या संबंधित प्राधिकरण को लगता है कि देर से रिपोर्ट जमा करने का “reasonable cause” है, तो penalty में राहत दी जा सकती है। इसलिए, देर हो जाए तो आवेदन करना कि “delay due to portal problem / natural calamity / unavoidable circumstances” हो, यह एक रणनीति हो सकती है।

यह भी ध्यान दें कि ऑडिट रिपोर्ट में त्रुटि या अधूरी जानकारी देने से reassessment, scrutiny या penalty का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए extension मिलने पर भी समय रहते सावधानी और गुणवत्ता के साथ रिपोर्ट तैयार करना ज़रूरी है।

Disclaimer:
यह जानकारी सरकार की वेबसाइट, समाचार और अन्य इंटरनेट स्रोतों से संकलित है। यह केवल जागरूकता के लिए है और कर सलाह नहीं है।

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