Income Tax Audit रिपोर्ट की नई मोहलत – Income Tax Audit रिपोर्ट सबमिशन अब 31 अक्टूबर तक

भारत में करदाताओं और पेशेवरों के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर आई है: Income Tax Audit रिपोर्ट (tax audit report) की सबमिशन की ग्रामीण तय समय सीमा को बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2025 कर दिया गया है। यह कदम सीबीडीटी (Central Board of Direct Taxes) द्वारा लिया गया है। इस ब्लॉग में मैं विस्तार से बताऊँगा कि यह निर्णय क्यों लिया गया, कौन-कौन इस छूट का लाभ उठा सकते हैं, देर से सबमिशन के क्या नतीजे हो सकते हैं और क्या सावधानी रखनी चाहिए। इस ब्लॉग में Focus Keyword income tax audit को स्वाभाविक रूप से इस्तेमाल किया गया है।

Income Tax Audit रिपोर्ट की नई समय सीमा – क्या और क्यों?

सीबीडीटी ने घोषणा की है कि FY 2024‑25 (Assessment Year 2025‑26) की income tax audit रिपोर्ट की “specified date” यानी निर्धारित तारीख को 30 सितंबर 2025 से बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2025 कर दिया गया है। यह छूट उन मालकिन (assessees) पर लागू है जो Section 139 (sub‑section 1) की Explanation 2 के clause (a) के अंतर्गत आते हैं।

यह निर्णय पेशेवर निकायों जैसे चार्टर्ड अकाउंटेंट्स, टैक्स प्रैक्टिशनर्स की ओर से किए गए अनुरोधों और उच्च न्यायालयों में दायर याचिकाओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया। उन्हें बताया गया कि व्यापार और पेशेवर कामों में प्राकृतिक आपदाएँ, बाढ़ और अन्य व्यवधानों के कारण रिपोर्ट तैयार करना समय पर संभव नहीं हो पाया है।

सीबीडीटी ने यह भी स्पष्ट किया कि आयकर ई‑फाइलिंग पोर्टल सुचारू रूप से काम कर रहा है और टैक्स ऑडिट रिपोर्ट लगातार अपलोड हो रही हैं।  लेकिन इस छूट का उद्देश्य व्यावहारिक समस्याओं और समय दबाव को कम करना था।

कौन करने वाले हैं इस छूट का लाभ – किन लोगों को करना है tax audit?

अब यह जानना ज़रूरी है कि income tax audit करना किनकर लिए अनिवार्य है। आमतः यह Section 44AB के दायरे में आता है।

अगर आपके व्यवसाय का टर्नओवर (sales/receipts) एक निर्धारित सीमा से अधिक है, तो आपको ऑडिट कराना अनिवार्य है। उदाहरण के लिए, यदि व्यवसाय का टर्नओवर 1 करोड़ रुपये से अधिक है (यदि नकद लेन‑देनों की सीमा ≤ 5 % हो तो यह सीमा कुछ मामलों में 10 करोड़ तक होती है) तो tax audit ज़रूरी है। इसी तरह, पेशेवर जिनकी कुल रसीदें (gross receipts) 50 लाख रुपये से अधिक हैं, उन्हें भी ऑडिट कराना पड़ सकता है।

इसके अलावा, यदि कोई व्यक्ति presumptive taxation (sections जैसे 44AD, 44ADA, 44AE) का विकल्प चुनता है, लेकिन उसने प्रिस्क्राइब्ड लाभ से कम लाभ दिखाया हो या उसकी आय मूल छूट से अधिक हो, तो ऑडिट की बाध्यता हो सकती है।

इसलिए, यदि आप व्यवसायी हैं और आपकी आय-व्यापार उपरोक्त सीमा से ऊपर है, तो आपको यह नई मोहलत जानकर तुरंत तैयारी करनी चाहिए।

देर से रिपोर्ट सबमिट करने का जोखिम और दंड

निश्चित समय पर ऑडिट रिपोर्ट दाखिल न करने पर इनकम टैक्स कानून में दंड की व्यवस्था है। यदि आप 31 अक्टूबर 2025 की नई समय सीमा बाद रिपोर्ट जमा करते हैं, तो Section 271B के अंतर्गत दंड लागू हो सकता है। यह दंड आमतौर पर 0.5 % (आय या टर्नओवर) तक हो सकता है, लेकिन अधिकतम सीमा ₹1,50,000 तक निर्धारित है।

लेकिन अगर कोई “reasonable cause” अर्थात् उचित कारण प्रस्तुत कर सके, तो दंड को कम या माफ किया जा सकता है।  साथ ही, देर से रिपोर्ट देना करदाताओं को टैक्स छूटों या कटौतियों (deductions) की स्वीकृति में समस्या उत्पन्न कर सकता है।

इसके अलावा, यदि रिपोर्ट समय से न दी जाए, तो Income Tax Department आपकी return को प्रभावित कर सकती है या उन विवरणों पर सवाल उठा सकती है। यह सब वेबसाइट पोर्टल पर रिकॉर्डिंग या ई‑फाइलिंग में विफलता की घटनाओं की शिकायतों के कारण और भी जटिल हो सकता है।

इसलिए, बेहतर यही है कि आप इस अतिरिक्त समय (October 1 से October 31) का पूरा उपयोग करें और समय रहते रिपोर्ट तैयार कर दें।

कैसे करें तैयारी और ध्यान रखने योग्य बातें?

इस नई extension के दौरान, आपको यह करना चाहिए कि आप अपने लेखा‑जोखा, बही‑खाते, वित्तीय अभिलेख (books & records) को ठीक से संभालें। पहले से ही आवश्यक vouchers, bills, बैंक स्टेटमेंट्स इकट्ठे कर लें। ऑडिट प्रक्रिया में चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) की भूमिका महत्वपूर्ण है — उनसे जल्दी से संपर्क करें ताकि वे समय रहते ऑडिट रिपोर्ट तैयार कर सकें।

ऑडिट रिपोर्ट तैयार करने के लिए आपको आवश्यक फार्म (Form 3CA / 3CB / 3CD आदि) भरने होंगे। यह जरूरी है कि इन फॉर्मों में सभी विवरण सही और पूरी तरह भरें। टैक्स ऑडिट रिपोर्ट को ई‑फाइलिंग पोर्टल पर जमा करना होता है, इसलिए तकनीकी तैयारी, पोर्टल लॉगिन, डॉक्युमेंट अपलोड आदि की जांच पहले कर लें। ध्यान रखें कि पोर्टल पर अचानक तकनीकी समस्या हो सकती है — इसलिए अंतिम दिन पर काम न करें।

इसके अलावा, यदि आप ऑडिट रिपोर्ट में कोई त्रुटि पाते हैं, तो सुधार की प्रक्रिया को समझ लें। संभव हो तो रिपोर्ट जमा करने से पहले पुनरावलोकन (review) कर लें। यदि कोई संशोधन करना हो, तो उसे सही तरीके से file करें।

आपको यह भी देखना चाहिए कि यह extension सिर्फ audit रिपोर्ट फाइल करने की है — यह ज़रूरी नहीं कि Income Tax Return (ITR) फाइल करने की समय सीमा बढ़ी हो। अभी तक इस विषय में सीबीडीटी ने कोई स्पष्ट घोषणा नहीं की है।

यदि आपके पास अन्य कर‑दायित्व हों — जैसे आप advance tax भरते हों या TDS / TCS reconciliation आदि — उन्हें समय से पूरा करने की जिम्मेदारी बनी हुई है। इस अतिरिक्त समय को केवल audit रिपोर्ट की तैयारी में उपयोग करें, आलस्य न करें।

Disclaimer:
इस ब्लॉग में दी गई जानकारी सरकार की आधिकारिक वेबसाइटों, समाचार लेखों और इंटरनेट स्रोतों से संकलित की गई है। यह सिर्फ जागरूकता के उद्देश्य से है। कर सलाह हेतु आप किसी योग्य चार्टर्ड अकाउंटेंट या टैक्स विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

Leave a Comment