भारत सरकार अब देश के हर घर को “ऊर्जा आत्मनिर्भर” बनाने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। इसी मिशन के तहत घरेलू सौर ऊर्जा योजना (Home Solar Scheme) शुरू की गई है, जिसके तहत नागरिकों को अपने घर की छत पर सोलर पैनल लगवाने पर 100% तक सब्सिडी दी जा रही है। यह योजना न सिर्फ बिजली के बिल को शून्य करने में मदद करती है, बल्कि पर्यावरण को स्वच्छ रखने में भी बड़ा योगदान देती है। आज के समय में जब बिजली की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, तब सौर ऊर्जा का उपयोग करना समझदारी और भविष्य दोनों के लिए बेहतर विकल्प है।
घरेलू सौर ऊर्जा योजना क्या है?
घरेलू सौर ऊर्जा योजना या Home Solar Scheme भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है, जिसे प्रधानमंत्री सौर ऊर्जा योजना के नाम से भी जाना जाता है। इस योजना के तहत सरकार लोगों को उनके घर की छत पर सोलर पैनल लगवाने के लिए वित्तीय सहायता यानी सब्सिडी प्रदान करती है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य है कि लोग अपनी बिजली खुद तैयार करें और बिजली कंपनियों पर निर्भरता कम हो। इसके लिए सरकार Solar Rooftop Subsidy Scheme के माध्यम से सीधा लाभ उपभोक्ता के बैंक खाते में देती है।
100% सब्सिडी का क्या मतलब है?
जब सरकार कहती है कि “100% सब्सिडी”, तो इसका मतलब यह नहीं कि पूरी लागत सरकार उठाएगी, बल्कि कई राज्यों में केंद्र और राज्य सरकार मिलकर लागत का लगभग 70% तक हिस्सा देती हैं और बाकी राशि लाभार्थी को खुद देना पड़ता है। हालांकि, कुछ विशेष श्रेणी जैसे गरीब परिवार, ग्रामीण इलाकों के घरों या सरकारी आवास योजनाओं के अंतर्गत आने वाले लाभार्थियों को 100% तक की सब्सिडी दी जाती है।
यह सब्सिडी सीधे DBT (Direct Benefit Transfer) के तहत आपके खाते में ट्रांसफर की जाती है, ताकि योजना में पारदर्शिता बनी रहे।
Home Solar Scheme के तहत मिलने वाले फायदे
घरेलू सौर ऊर्जा योजना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे बिजली का खर्च लगभग खत्म हो जाता है। अगर आप अपने घर पर 3 kW से 5 kW का सोलर पैनल लगवाते हैं, तो आप हर महीने लगभग ₹2000 से ₹3000 तक की बचत कर सकते हैं।
दूसरा फायदा यह है कि सोलर पैनल से बनाई गई अतिरिक्त बिजली को आप ग्रिड में वापस भेज सकते हैं, जिससे आपको बिजली कंपनी से नेट मीटरिंग के जरिए इनकम भी मिलती है।
इसके अलावा, यह योजना पर्यावरण के दृष्टिकोण से भी बहुत जरूरी है क्योंकि सौर ऊर्जा एक renewable source of energy है, जो प्रदूषण नहीं फैलाती।
घरेलू सौर ऊर्जा योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया
अब सवाल आता है कि इस योजना का लाभ कैसे लिया जाए। सरकार ने इसके लिए एक ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया (Online Apply Process) तय की है।
सबसे पहले आपको mnre.gov.in या अपने राज्य के Solar Rooftop Portal पर जाना होता है। वहाँ “Apply for Rooftop Solar” या “Solar Subsidy Registration” का विकल्प दिखाई देगा।
फॉर्म में आपको अपना नाम, पता, बिजली कनेक्शन नंबर, डिस्कॉम कंपनी का नाम, और मोबाइल नंबर दर्ज करना होता है। इसके बाद आपको अपने घर की छत का साइज और आवश्यक सोलर क्षमता (kW) बतानी होती है।
आवेदन जमा करने के बाद डिस्कॉम कंपनी आपके घर का निरीक्षण करती है और फिर आपको empanelled vendor की सूची देती है, जिनसे आप सोलर पैनल लगवा सकते हैं।
सोलर सिस्टम इंस्टॉल होने के बाद, अधिकारी इसका निरीक्षण करते हैं और रिपोर्ट अप्रूव होने पर आपकी सब्सिडी राशि सीधे आपके बैंक खाते में भेज दी जाती है।
कितनी क्षमता का सोलर पैनल लगवाना सही रहेगा?
यह आपके घर की बिजली खपत पर निर्भर करता है। अगर आपकी मासिक खपत 150 से 250 यूनिट तक है, तो 2 kW Solar System पर्याप्त रहेगा। लेकिन अगर आपका घर बड़ा है और AC, फ्रिज, वॉशिंग मशीन जैसे उपकरण लगातार चलते हैं, तो 3 kW से 5 kW System लगवाना बेहतर रहेगा।
एक औसत भारतीय घर के लिए 3 kW Solar System से सालभर में लगभग 4000 यूनिट बिजली बन सकती है। इससे आप अपने बिजली बिल को लगभग पूरी तरह खत्म कर सकते हैं।
राज्यवार सब्सिडी दरें और पात्रता
भारत के हर राज्य में सब्सिडी दरें थोड़ी अलग हैं। उदाहरण के लिए, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में घरेलू उपभोक्ताओं को 40% तक की केंद्रीय सब्सिडी और अतिरिक्त 20-30% तक की राज्य सब्सिडी दी जाती है।
इस योजना के लिए पात्रता सामान्य है। लाभार्थी भारतीय नागरिक होना चाहिए, उसके पास स्थायी बिजली कनेक्शन होना चाहिए और घर की छत उसकी खुद की या परिवार की होनी चाहिए।
Disclaimer:
इस ब्लॉग में दी गई जानकारी सरकारी वेबसाइटों, समाचार पोर्टलों और इंटरनेट स्रोतों से एकत्र की गई है। इसका उद्देश्य केवल जागरूकता फैलाना है। किसी भी निर्णय से पहले कृपया संबंधित सरकारी वेबसाइट या विभाग से आधिकारिक जानकारी अवश्य जांचें।