आज थोड़ी राहत की खबर सुनने को मिली है—Anganwadi Employees DA Hike यानी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के DA यानी महंगाई भत्ते में बड़ा इजाफा हुआ है, और ये फैसला गुजरात हाई कोर्ट (Gujarat HC) ने दिया है। लगता है जैसे कोई सरकारी घोषणाओं से थोड़ा पीछे रह गया था, पर कोर्ट ने जो निर्णय लिया है वो सच में मायने रखता है, क्योंकि ये सिर्फ आज के लिए नहीं, बल्कि आने वाले महीनों में भी असर डालेगा। और हाँ, टोन थोड़ा conversational रखा गया है, क्योंकि पढ़ने वाला लगता रहे कि कोई सामने बैठकर बात कर रहा हो, पर जानकारी एकदम साफ़ और सटीक हो—ये कोशिश की है।

क्या हुआ है? उच्च न्यायालय ने किया क्या आदेश
एकदम सीधे शब्दों में—गुजरात हाई कोर्ट ने आदेश दिया है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं (AWWs) को अब प्रति माह कम से कम ₹24,800 मिलना चाहिए, और हेल्पर्स (AWHs) को ₹20,300 — जो पहले ₹10,000 और ₹5,500 होते थे। यानी सच में दो से तीन गुना तक बढ़ा है वेतन। साथ में ये भी कहा कि ये नए वेतन अप्रैल 1, 2025 से लागू होंगे, और जो पिछली देनदारी है, यानी arrears, वो छह महीनों के अंदर चुकाए जाने चाहिए ।
हाई कोर्ट ने ये भी स्पष्ट किया है कि आंगनबाड़ी कर्मचारियों और हेल्पर्स का काम सिर्फ ‘वॉलंटियर’ का नहीं—ये तो “onerous” यानी बोझिल और ज़िम्मेदारियाँ हैं, जो समाज के सबसे निचले तबके से जुड़े हैं। इसलिए इन्हें “living wage” मिलनी चाहिए । पुराने फैसले, जो कह रहे थे कि इन्हें नियमित सरकारी कर्मचारियों की तरह माना जाए, उन्हें आंशिक तौर पर रद्द कर दिया गया है—बाहर रखा गया कि ये सीधे सरकारी सेवकों जैसा दर्जा नहीं, लेकिन वेतन में इज़ाफा मिलेगा ही मिलेगा ।
Disclaimer
यह ब्लॉग अधिकारपूर्वक सरकारी और न्यायालयीन समाचार स्रोतों (जैसे हमें Gujarat HC के आदेश से संबंधित समाचार तथा प्रेस रिपोर्ट से) पर आधारित है और केवल जागरूकता एवं जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। कृपया योजनाओं, वेतन-आवंटन या आधिकारिक कार्यवाही की वास्तविक जानकारी के लिए संबंधित सरकारी या न्यायालयीन दस्तावेज/वेबसाइट देखें।