आज जब देखो तो ग्रामीण इलाकों में काम करने-खाने के सिलसिले में लोगों का मन खेती-बाड़ी या पशुपालन की ओर ज्यादा लगता है, और उसमें से Goat Farming Scheme 2025 ने सबसे ज्यादा दिलचस्पी जगी है क्योंकि इसमें 70% तक की सब्सिडी मिल रही है। ये सब्सिडी सिर्फ पैसा देने का मामला नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर बनने और आमदनी बढ़ाने का मौका है। सच बताऊँ तो जब मैंने पहली बार सुना कि इतनी सब्सिडी मिल रही है, लगा कुछ ज़्यादा ही लग रहा है, पर जैसे-जैसे पढ़ा, समझ आया कि कुछ जगहों पर 70% मिलती है (जैसे Puducherry), और बाकी राज्यों में मिलवाने के लिए बाकी योजना आदि भी चालू है — पर किताबों जैसा न लगे, इसीलिए थोड़ा conversational रखा है।

Goat Farming Scheme — असल में क्या है?
Puducherry में Sheep/Goat Development Scheme है, जहां बेरोजगार युवाओं और छोटे किसानों को 70% सब्सिडी दी जाती है बकरी या भेड़ पालन यूनिट शुरू करने के लिए, ताकि वे अपनी आमदनी बढ़ा सकें । बाकि राज्यों में अलग-अलग स्कीम्स हैं, जैसे कि MyScheme.gov.in पर एक Goat Unit Scheme है जिसमें जनरल वर्ग को 40% और SC/ST उम्मीदवारों को 60% सब्सिडी मिलती है, कुल यूनिट कॉस्ट लगभग ₹77,456 ।
इसी तरह, National Livestock Mission (NLM) और Animal Husbandry Infrastructure Development Fund (AHIDF) जैसे केंद्रीय स्कीम्स का इस्तेमाल करके goat/sheep farm स्थापित करने पर आप 50% कैपेक्स सब्सिडी पा सकते हैं, और साथ में 3% तक interest subvention भी मिल सकता है—यह योजना बड़े प्रोजेक्ट्स के लिए है, जैसे 500-animal farm, जिसकी लागत लगभग ₹1 करोड़ होती है—लेकिन NLM की मदद से वो ₹50 लाख रह जाता है, और शेष पर ऋण लेकर 3% ब्याज राहत मिलती है ।
क्या फायदे हैं और कौन कैसे लाभ उठा सकता है
Goat Farming Scheme 2025 के मुख्य फायदे इस तरह समझिए — सबसे पहले, अगर आप Puducherry में रहते हैं या वही से आवेदन कर सकते हैं, तो 70% सब्सिडी मिलती है, जो वास्तव में बहुत बड़ी राहत है, क्योंकि बकरी पालन के लिए ढांचा, खोल, चारा, जानवर आदि की लागत होती है। दूसरी स्थिति में, यदि आप राष्ट्रीय स्तर पर देख रहे हैं, तब Goat Unit Scheme जैसे योजनाओं में जनरल वर्ग को 40%, SC/ST को 60% कैपेक्स सब्सिडी मिलती है, जिससे बहुत कम निवेश में आप यूनिट शुरू कर सकते हैं।
इसके अलावा, अगर आप बहुत बड़े पैमाने पर goat farm लगाना चाहते हैं (जैसे 500 जानवर तक), तब National Livestock Mission और AHIDF की मदद से उस कॉस्ट का 50% तक कैपेक्स सब्सिडी मिल सकता है, और ऋण पर 3% ब्याज राहत भी मिलती है, जिससे लागत बहुत कम हो जाती है।
लेकिन ध्यान रहे कि हर योजना में आवेदन प्रक्रिया, योग्यता मापदंड, और दस्तावेज़ जैसी शर्तें होती हैं—जैसे गांव में फीड प्लांट या चारा उत्पादन करने का विकल्प भी हो सकता है fodder entrepreneurship स्कीम के तहत यदि आपके पास जमीन है (NLM के तहत) ।
असल में ये योजनाएं केवल पैसा देने का मामला नहीं, बल्कि एक eco-system तैयार करती हैं — जैसे सिलिंग के लिए loan lavailability, infrastructure support, और training-workshops भी शामिल होते हैं (जैसे Maharashtra में प्रशासनिक सहायता के लिए हेल्प डेक, skill training दे रही है हाल में जनादेश में) जैसे projects की administrative facilitation होती है ताकि delay ना हो ।
Disclaimer
यह ब्लॉग आधिकारिक और सार्वजनिक स्रोतों जैसे सरकारी वेबसाइट्स और प्रेस रिलीज (जैसे Puducherry Sheep/Goat Development Scheme, MyScheme.gov.in, National Livestock Mission, AHIDF, PIB) पर आधारित है और केवल जानकारी एवं जागरूकता के उद्देश्यों के लिए लिखा गया है। किसी भी Goat Farming Scheme 2025 से जुड़ी योजना या सहायता प्राप्त करने से पहले संबंधित सरकारी विभाग या आधिकारिक वेबसाइट से विस्तृत जानकारी अवश्य प्राप्त करें।