Jamin Registry New Rules – सरकार की बड़ी ऐलान जमीन रजिस्ट्री को लेकर 5 नए नियम लागू, बिचौलिया और दलालों से बचें!

नमस्ते दोस्तों! आज मैं आपके लिए एक बेहद ज़रूरी और नया अपडेट लाया हूँ—Jamin Registry New Rules. ये सुनते ही लगता है रोक झोंक है, पर असल में सरकार ने जमीन (जमीन) की रजिस्ट्री को ज़्यादा पारदर्शी और फ्रॉड-फ्री बनाने के लिए नए नियम लागू किए हैं। चलिए आपको आसान भाषा में, ऐसे बताता हूँ जैसे हम आम-बात में बात कर रहे हों—थोड़ी बहुत टाइपो या ग्रामर की भूल-चूक हो सकती है, लेकिन जानकारी पूरी तरह से सटीक है।

जमीन रजिस्ट्री के नए बदलाव – 5 नियम जो आपको जानने ज़रूरी हैं

नीचे पाँच बड़े नियम हैं जो अब जमीन रजिस्ट्री में लागू किए गए हैं—ये नियम खासकर बिचौलियों (मध्यस्थों) और दलालों की दखलंदाज़ी को रोकने के लिए हैं, और नागरिकों के लिए प्रक्रिया को आसान और भरोसेमंद बनाते हैं:

1. ऑनलाइन रजिस्ट्री सिस्टम लागू

अब सरकार ने Registration Bill, 2025 के तहत ऑफलाइन से ऑनलाइन रजिस्ट्री का कदम उठाया है। इसका मतलब—you can submit property documents electronically, get e-register certificates, और रिकॉर्ड्स डिजिटल तरीके से मैनेज किए जाएंगे। इससे लंबा कागज़ी काम और बार-बार ऑफिस चले जाने का झंझट काफी हद तक कम होगा।

2. अनिवार्य दस्तावेजों की सूची बढ़ी

अब सिर्फ sale deed ही नहीं, बल्कि agreement to sell, power of attorney, equitable mortgage, और court orders जैसे कई दस्तावेजों की रजिस्ट्री भी अनिवार्य होगी। इससे छुपा-छुपाया ट्रांजैक्शन और धोखा देने की राह बंद हो जाएगी।

3. ई-खाता और ULPIN जैसी डिजिटल पहलें आगे

कर्नाटक जैसे राज्यों में e-Khata को ग्रामीण जमीन के लिए लागू किया जा रहा है—जिसका मतलब property records अब डिजिटल रूप में होंगे, और आम लोग सीधे ऑनलाइन आवेदन करके ई-खाता पा सकेंगे। साथ ही पूरे देश में ULPIN (Unique Land Parcel Identification Number) या एक तरह से “भूमि का आधार” लाया जा रहा है जो हर ज़मीन को एक यूनिक नंबर देगा।

4. मध्यस्थों और दलालों की भूमिका घटी

कागज़ी प्रक्रिया और ऑफिस आने-जाने की मुश्किल कम होने से बिचौलियों की ज़रूरत भी घटेगी। ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म, ई-रजिस्ट्री, e-Khata आदि से आप अपना दस्तावेज़ खुद भी मैनेज कर सकते हैं—जैसे Registration Bill की “citizen-centric” सुविधा बताई गयी है।

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है “Registry Alone Is Not Ownership”, यानी सिर्फ रजिस्ट्री होना ही जमीन का मालिक होनेका सबूत नहीं है—mutation, possession, और revenue records होना भी ज़रूरी है। इसका मतलब अब रजिस्ट्री के साथ-साथ जमीन का actual कब्जा और सरकारी रिकॉर्ड्स में अपडेट होना अनिवार्य है।

Disclaimer

यह ब्लॉग आम नागरिकों की जानकारी और जागरूकता के लिए लिखा गया है। तथ्य Registration Bill 2025, कर्नाटक e-Khata, ULPIN, Supreme Court ruling, और जमीन रजिस्ट्रेशन से जुड़े सरकारी दस्तावेज़/समाचार स्रोतों पर आधारित हैं। नियमों में समय के साथ बदलाव संभव है—अधिकृत सरकारी पोर्टल या नजदीकी रजिस्ट्रार कार्यालय से अंतिम जानकारी अवश्य लें। यह कोई कानूनी सलाह नहीं है, केवल सूचना हेतु है।

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