Labour Card Yojana 2025 : सरकार मजदूरों को दे रही है ₹18000 रुपए, आवेदन शुरू – जानिए कैसे मिलेगा पूरा लाभ

देश के मेहनतकश मजदूरों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। Labour Card Yojana 2025 के तहत सरकार अब पंजीकृत मजदूरों को ₹18,000 तक की आर्थिक सहायता देने जा रही है। यह योजना उन लोगों के लिए बनाई गई है जो रोज़ाना मेहनत करके अपने परिवार का पेट पालते हैं लेकिन आर्थिक तंगी के कारण अपने बच्चों की पढ़ाई, इलाज या अन्य जरूरतों को पूरा नहीं कर पाते। सरकार का उद्देश्य इस योजना के ज़रिए मजदूर वर्ग को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है ताकि उनका जीवन बेहतर बन सके।

Labour Card Yojana 2025 क्या है?

Labour Card Yojana 2025 केंद्र और राज्य सरकारों की संयुक्त योजना है, जिसके अंतर्गत मजदूरों को एक Labour Card दिया जाता है। यह कार्ड सरकार के “श्रम एवं रोजगार मंत्रालय” के तहत बनता है। इस कार्ड के ज़रिए मजदूरों को कई सरकारी लाभ जैसे बीमा, पेंशन, बच्चों की पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति, और आर्थिक सहायता मिलती है।

2025 में इस योजना के तहत सरकार ने मजदूरों को ₹18,000 की आर्थिक मदद देने का फैसला किया है। यह राशि विभिन्न श्रेणियों में दी जाएगी, जैसे—मेडिकल हेल्प, मैटरनिटी बेनिफिट, एजुकेशन स्कॉलरशिप और एमर्जेंसी फंड के रूप में।

इस योजना का उद्देश्य क्या है?

सरकार का मुख्य उद्देश्य इस Labour Card Yojana के माध्यम से मजदूरों के जीवन स्तर को उठाना है। आज भी देश में लाखों दिहाड़ी मजदूर ऐसे हैं जिन्हें स्थायी नौकरी या सुरक्षा की गारंटी नहीं है। वे रोज़ाना काम करते हैं लेकिन बीमार पड़ने या काम न मिलने की स्थिति में परिवार को आर्थिक संकट झेलना पड़ता है। इस स्थिति से बचाने के लिए Labour Card Yojana शुरू की गई है ताकि उन्हें नियमित सरकारी सहायता मिल सके।

Labour Card के लाभ क्या हैं?

Labour Card बन जाने के बाद मजदूरों को सरकार की दर्जनों योजनाओं का लाभ मिलता है। जैसे कि—मुफ्त बीमा योजना (Pradhan Mantri Suraksha Bima Yojana), पेंशन योजना, बच्चों की शिक्षा सहायता, विवाह सहायता, प्रसूति सहायता, और आवास योजना का लाभ।

इसके अलावा कई राज्य सरकारें अपने स्तर पर भी Labour Card धारकों को अतिरिक्त लाभ देती हैं, जैसे मुफ्त बस पास, राशन कार्ड पर विशेष छूट, और हेल्थ स्कीम में प्राथमिकता। सबसे बड़ी बात यह है कि Labour Card एक पहचान पत्र की तरह काम करता है जो यह प्रमाणित करता है कि व्यक्ति एक पंजीकृत श्रमिक है।

2025 में ₹18,000 की सहायता कैसे मिलेगी?

Labour Card Yojana 2025 के तहत सरकार ने पात्र मजदूरों को सालभर में कुल ₹18,000 तक की मदद देने का प्रावधान किया है। यह राशि एक साथ नहीं बल्कि अलग-अलग योजनाओं के अंतर्गत दी जाएगी। उदाहरण के लिए, अगर किसी मजदूर की बेटी की शादी है तो उसे ₹50,000 तक की मदद मिल सकती है। अगर मजदूर बीमार पड़ जाता है तो उसे मेडिकल सहायता के रूप में ₹5,000 से ₹10,000 तक मिल सकता है।

इसी तरह अगर मजदूर के बच्चे की पढ़ाई जारी है तो उसे सालाना ₹3,000 से ₹6,000 तक की स्कॉलरशिप भी दी जाती है। इस तरह कुल मिलाकर मजदूर परिवार को लगभग ₹18,000 तक का वार्षिक लाभ मिल जाता है।

Labour Card Yojana के लिए पात्रता क्या है?

इस योजना का लाभ पाने के लिए व्यक्ति भारत का नागरिक होना चाहिए और किसी मान्यता प्राप्त निर्माण कार्य, फैक्ट्री, या किसी श्रम प्रधान क्षेत्र में काम करने वाला मजदूर होना चाहिए। उसकी उम्र 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए। साथ ही उसके पास काम का प्रमाण, आधार कार्ड, बैंक खाता और पासपोर्ट साइज फोटो होना आवश्यक है।

जो मजदूर पहले से किसी सरकारी या प्राइवेट नौकरी में हैं या टैक्स देते हैं, वे इस योजना के अंतर्गत नहीं आते। केवल वे लोग जो असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं और मजदूरी पर निर्भर हैं, वही इसके पात्र माने जाते हैं

आवेदन प्रक्रिया (Application Process)

Labour Card Yojana 2025 में आवेदन करने के लिए मजदूर को अपने राज्य के “Labour Department Office” या “Building and Other Construction Workers Welfare Board” में जाना होता है। कुछ राज्यों ने ऑनलाइन पोर्टल भी शुरू किए हैं जहां से आवेदन किया जा सकता है।

उदाहरण के तौर पर अगर आप उत्तर प्रदेश के निवासी हैं तो आप “uplabour.gov.in” वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। वहीं महाराष्ट्र के लिए “mahashram.in” पर जाकर आवेदन किया जा सकता है।

आवेदन के समय आवेदक को आधार कार्ड, बैंक पासबुक, पासपोर्ट फोटो, मजदूरी प्रमाणपत्र, और निवास प्रमाणपत्र अपलोड करना होता है। आवेदन सफल होने के बाद Labour Card जारी किया जाता है जो 1 वर्ष के लिए मान्य होता है और हर साल नवीनीकरण (renewal) करना पड़ता है।

मजदूरों के लिए ये कार्ड क्यों जरूरी है?

Labour Card न केवल सरकारी लाभ पाने का माध्यम है, बल्कि यह मजदूर के अधिकारों की पहचान भी है। जब किसी मजदूर के पास यह कार्ड होता है, तो सरकार उसे अपने “registered workers” की सूची में जोड़ देती है। इससे सरकार को यह पता चलता है कि देश में कुल कितने श्रमिक काम कर रहे हैं और उनकी स्थिति क्या है।

यही डेटा आगे चलकर मजदूरों के लिए नई योजनाएं बनाने में मदद करता है। उदाहरण के तौर पर, COVID-19 के समय जिन मजदूरों के पास Labour Card था, उन्हें तुरंत सहायता राशि दी गई थी, जबकि जिनके पास कार्ड नहीं था उन्हें परेशानी हुई।

Disclaimer:

इस लेख में दी गई जानकारी सरकारी वेबसाइटों, समाचार पोर्टल्स और इंटरनेट स्रोतों से ली गई है। इसका उद्देश्य केवल जागरूकता फैलाना है। किसी भी योजना का वास्तविक लाभ लेने से पहले संबंधित विभाग की आधिकारिक वेबसाइट से विवरण अवश्य जांच लें।

 

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