नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट यानी NEET का परिणाम आते ही सबसे ज्यादा चर्चित होता है नीट कट ऑफ, खासकर उन विद्यार्थियों के लिए जो MBBS की सरकारी कॉलेज में दाखिला लेना चाहते हैं। इस साल भी जैसे ही NEET का रिजल्ट जारी हुआ है, सबके मन में एक ही सवाल है—NEET Cut Off For MBBS Government College क्या है, और इसमें General, OBC, SC, ST कैटेगरी के लिए क्या न्यूनतम अंक रखे गए हैं। इस ब्लॉग में हम आपको विस्तार से बताएंगे कि NEET कट ऑफ कैसे तय होती है, किन कारणों से कट ऑफ में बदलाव होता है, और हर कैटेगरी के लिए किस तरह के स्कोर की जरूरत होती है।

NEET Cut Off For MBBS Government College क्यों महत्वपूर्ण है?
NEET कट ऑफ एक तरह की न्यूनतम योग्यता होती है, जो यह निर्धारित करती है कि किसी भी छात्र को सरकारी मेडिकल कॉलेज में MBBS के लिए प्रवेश मिल सकता है या नहीं। इसके बिना कोई भी छात्र मेडिकल फील्ड में आगे नहीं बढ़ सकता। इस कट ऑफ को एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) और मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) के निर्देशों के अनुसार हर साल तय किया जाता है। यह कट ऑफ छात्रों की सफलता दर, कॉलेजों की सीट संख्या, और परीक्षा के कठिनाई स्तर पर निर्भर करती है।
सरकारी कॉलेजों में दाखिले के लिए कट ऑफ का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यहां फीस कम होती है और अच्छे फंडिंग वाले कोर्सेस उपलब्ध होते हैं। इसलिए नीट कट ऑफ सरकारी कॉलेजों में MBBS के लिए हर छात्र की सबसे बड़ी चिंता होती है।
NEET Cut Off के निर्धारण में कौन-कौन से कारक होते हैं?
NEET Cut Off तय करने में कई महत्वपूर्ण फैक्टर्स का ध्यान रखा जाता है। सबसे पहले तो कुल सीटों की संख्या जो देशभर के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में उपलब्ध होती है, उसे देखा जाता है। जब सीट कम होती है और उम्मीदवार ज्यादा, तो कट ऑफ स्वाभाविक रूप से ऊपर जाता है। दूसरी बात परीक्षा के कठिनाई स्तर की होती है—अगर साल का पेपर कठिन होता है, तो कट ऑफ नीचे हो सकता है।
इसके अलावा, विभिन्न कैटेगरीज जैसे General, OBC, SC, ST की संख्या, और सरकार द्वारा निर्धारित आरक्षण नीति का भी कट ऑफ तय करने में बड़ा रोल होता है। General कैटेगरी के लिए आमतौर पर सबसे ज्यादा कट ऑफ रहता है, जबकि SC, ST और OBC के लिए अपेक्षाकृत कम कट ऑफ रखी जाती है। इसके पीछे कारण है कि आरक्षित वर्गों को शिक्षा में अधिक अवसर देना।
NEET Cut Off For MBBS Government College 2025: कैटेगरी के अनुसार क्या है?
साल 2025 के लिए NEET कट ऑफ घोषित करते वक्त, जो General कैटेगरी के छात्रों के लिए लगभग 50th percentile के आसपास रखा गया है। इसका मतलब यह हुआ कि General कैटेगरी के उम्मीदवारों को कुल प्रश्नों में कम से कम 50% अंक लाना जरूरी है। वहीँ OBC, SC, ST जैसे आरक्षित वर्ग के लिए यह कट ऑफ 40th percentile के आसपास होती है। इसका उद्देश्य यह है कि आरक्षित वर्ग के छात्रों को समान अवसर मिले लेकिन उनकी योग्यता भी सुनिश्चित हो।
सरकारी कॉलेजों में MBBS में प्रवेश पाने के लिए ये कट ऑफ न्यूनतम मानदंड हैं, पर वास्तविक प्रवेश कट ऑफ इनमें से कई बार ऊपर भी हो जाती है। जैसे मुंबई, दिल्ली, और कोलकाता जैसे महानगरों में जहां प्रतियोगिता ज्यादा है, वहां NEET कट ऑफ अपने आप ऊंचे स्तर पर जाती है।
सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सीट आरक्षण और कट ऑफ का संबंध
सरकारी कॉलेजों में सीटें आरक्षित वर्गों को भी काफी हद तक दी जाती हैं, जो कि सरकार की affirmative action नीति का हिस्सा है। उदाहरण के लिए, OBC को लगभग 27%, SC को 15%, और ST को 7.5% सीटें आरक्षित होती हैं। आरक्षण के कारण इन वर्गों के लिए कट ऑफ थोड़ी कम रखी जाती है ताकि वे भी मेडिकल शिक्षा तक पहुंच सकें।
इस वजह से NEET Cut Off For MBBS Government College कैटेगरीवार भिन्न होता है। जो छात्र General कैटेगरी में आते हैं, उनके लिए मुकाबला कठिन होता है, और उन्हें ज्यादा अंक लाने पड़ते हैं। वहीं आरक्षित वर्ग के छात्रों को थोड़ी राहत दी जाती है ताकि सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से पिछड़े वर्गों का विकास हो सके।
कट ऑफ के बाद कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया कैसी होती है?
NEET के बाद जब कट ऑफ जारी हो जाती है, तो जो छात्र उस कट ऑफ से ऊपर आते हैं, वे अपनी पसंद के अनुसार कॉलेजों में अप्लाई कर सकते हैं। इसके लिए भारत सरकार और विभिन्न राज्यों की काउंसलिंग प्रक्रिया होती है। काउंसलिंग में छात्र को उसके मार्क्स, कैटेगरी और पसंदीदा कॉलेज के आधार पर सीट मिलती है।
सरकारी मेडिकल कॉलेजों में दाखिला लेना एक लंबी प्रक्रिया है, जिसमें डॉक्यूमेंट्स वेरीफिकेशन, मेडिकल फिटनेस टेस्ट और फीस जमा करना भी शामिल है। काउंसलिंग के दौरान NEET कट ऑफ का पालन सख्ती से किया जाता है ताकि सीटें सही उम्मीदवारों को मिले।
NEET कट ऑफ को लेकर छात्रों के लिए टिप्स
NEET Cut Off For MBBS Government College हमेशा छात्रों के लिए चिंता का विषय रहा है, लेकिन अगर आप मेहनत करते हैं और अपनी तैयारी सही तरीके से करते हैं, तो कट ऑफ को पार करना आसान हो सकता है। छात्रों को चाहिए कि वे पिछले वर्षों के कट ऑफ और प्रश्नपत्रों का विश्लेषण करें ताकि पता चल सके कि कौन से विषय और प्रश्न ज्यादा बार पूछे जाते हैं।
इसके अलावा, टाइम मैनेजमेंट और कॉन्सेप्ट क्लीयरेंस पर जोर देना चाहिए, क्योंकि NEET एक बहुत ही competitive exam है। सरकारी कॉलेजों के लिए कट ऑफ अक्सर बहुत ऊंची होती है इसलिए प्रयास करना चाहिए कि आप अपने स्कोर को उस स्तर से ऊपर ले जाएं।
Disclaimer: यह जानकारी विभिन्न सरकारी वेबसाइटों, न्यूज़ रिपोर्ट्स, और इंटरनेट स्रोतों से एकत्रित की गई है। इसका उद्देश्य केवल जानकारी और जागरूकता बढ़ाना है। किसी भी प्रकार के निर्णय से पहले संबंधित आधिकारिक स्रोत या विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।