Online Registry Process India : ऑनलाइन लैंड रजिस्ट्री प्रक्रिया 6 सितंबर से शुरू

भारत में ज़मीन और संपत्ति से जुड़ी रजिस्ट्री हमेशा से एक कठिन और समय लेने वाली प्रक्रिया रही है। अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नियम, कागज़ात की जटिलता और लंबी लाइनें आम नागरिकों के लिए परेशानी का कारण बनती थीं। इन समस्याओं को देखते हुए सरकार ने अब भूमि पंजीकरण की प्रक्रिया को डिजिटल बनाने का फैसला किया है। Online Registry Process India : ऑनलाइन लैंड रजिस्ट्री प्रक्रिया 6 सितंबर से शुरू होने जा रही है, जिससे लोगों को पारदर्शी और तेज़ व्यवस्था मिलेगी। यह कदम न केवल आम जनता के लिए फायदेमंद होगा बल्कि भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी जैसे मामलों को भी कम करेगा।

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Online Registry Process India क्यों शुरू किया गया

भारत में ज़मीन से जुड़े विवाद सबसे ज़्यादा अदालतों में दर्ज होते हैं। ज़्यादातर विवाद फर्जी कागज़ात, बिचौलियों की भूमिका और पुराने रिकॉर्ड की गड़बड़ी की वजह से सामने आते हैं। जब भी कोई नागरिक ज़मीन खरीदना या बेचना चाहता था, उसे तहसील या सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में घंटों लाइन में लगना पड़ता था। इसके अलावा कई बार लोगों को रिश्वत और अतिरिक्त पैसे देकर काम करवाना पड़ता था। इन सब कारणों से भूमि पंजीकरण की प्रक्रिया को डिजिटल करना ज़रूरी हो गया था।

Land Registration New Rule क्या है

नए नियम के अनुसार अब ज़मीन की खरीद-बिक्री, गिफ्ट डीड, लीज या अन्य संपत्ति संबंधी कार्य सीधे ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से किए जाएंगे। सरकार ने सभी राज्यों को यह निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने रजिस्ट्री पोर्टल को राष्ट्रीय स्तर पर जोड़ें ताकि कोई भी नागरिक कहीं से भी अपनी रजिस्ट्री करा सके। इसमें आधार कार्ड और पैन कार्ड की अनिवार्यता होगी और भुगतान भी केवल डिजिटल तरीके से किया जा सकेगा। नकद लेन-देन को बंद करने से पूरे सिस्टम में पारदर्शिता बढ़ेगी और भ्रष्टाचार की संभावना घटेगी।

ऑनलाइन रजिस्ट्री प्रक्रिया कैसे काम करेगी

6 सितंबर से लागू होने वाली इस व्यवस्था में नागरिकों को सबसे पहले आधिकारिक पोर्टल पर लॉगिन करना होगा। खरीदार और विक्रेता दोनों को अपनी पहचान Aadhaar e-KYC और PAN Card के माध्यम से सत्यापित करनी होगी। इसके बाद ज़मीन का पूरा विवरण भरना होगा जिसमें खसरा नंबर, खाता नंबर, क्षेत्रफल और स्थान जैसी जानकारियाँ शामिल होंगी।

जब सारी जानकारी पूरी हो जाएगी तो पोर्टल अपने आप स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क की गणना करेगा। यह भुगतान नागरिक UPI, Net Banking या Debit Card के ज़रिए कर पाएंगे। भुगतान के बाद सिस्टम एक Digital Registry Document तैयार करेगा जिसमें QR Code और Digital Signature होगा। यह दस्तावेज़ कानूनी रूप से वैध होगा और नागरिक इसे डिजिटल रूप में सुरक्षित रख सकते हैं। ज़रूरत पड़ने पर इसकी प्रिंट कॉपी भी अदालत, बैंक या अन्य सरकारी कार्यों में इस्तेमाल की जा सकती है।

Online Registry Process India से होने वाले लाभ

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इस नई प्रक्रिया का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि नागरिकों को बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। घर बैठे ही वे ज़मीन की रजिस्ट्री कर पाएंगे। पहले जहां बिचौलियों और दलालों को अतिरिक्त पैसे देने पड़ते थे, अब वह समस्या खत्म हो जाएगी।

एक और बड़ा लाभ यह है कि ज़मीन से जुड़े धोखाधड़ी और फर्जी दस्तावेज़ों की संभावना बहुत कम हो जाएगी। सभी रिकॉर्ड सीधे सरकारी पोर्टल पर दर्ज होंगे और कोई भी बाद में उनमें बदलाव नहीं कर पाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिक कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से इस प्रक्रिया का लाभ उठा सकेंगे जबकि शहरी क्षेत्रों में लोग सीधे इंटरनेट के ज़रिए इसे कर पाएंगे।

बैंकिंग और लोन पर असर

जब ज़मीन की रजिस्ट्री ऑनलाइन और डिजिटल दस्तावेज़ों के माध्यम से होगी तो बैंकों के लिए भी यह काम आसान हो जाएगा। जब कोई व्यक्ति Home Loan, Property Loan या Mortgage Loan के लिए आवेदन करेगा, तो बैंक तुरंत Digital Registry Document की वैधता जांच पाएंगे। पहले इस प्रक्रिया में कई दिन लगते थे, लेकिन अब कुछ ही मिनटों में बैंक दस्तावेज़ को Verify कर सकेंगे। इससे नागरिकों को तेज़ी से लोन मिल सकेगा और बैंकों की प्रक्रिया भी पारदर्शी बनेगी।

चुनौतियाँ और समाधान

हालांकि यह प्रक्रिया बेहद उपयोगी है, लेकिन इसके साथ कुछ चुनौतियाँ भी जुड़ी हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की कमी और डिजिटल जानकारी का अभाव अभी भी एक बड़ी समस्या है। कई नागरिक अभी भी ऑनलाइन प्रक्रिया से अनजान हैं, इसलिए शुरुआती दिनों में उन्हें कठिनाई हो सकती है।

इसके अलावा जब एक साथ लाखों लोग पोर्टल पर लॉगिन करेंगे तो Server Down होने जैसी तकनीकी समस्या भी संभव है। सरकार ने इसको देखते हुए हेल्प डेस्क और सपोर्ट सेंटर बनाने की योजना बनाई है ताकि नागरिकों को तुरंत मदद मिल सके और किसी भी तकनीकी गड़बड़ी का समाधान समय पर किया जा सके।

Disclaimer

इस ब्लॉग में दी गई जानकारी सरकारी वेबसाइटों, समाचार रिपोर्ट्स और इंटरनेट स्रोतों से ली गई है। यह केवल जागरूकता के उद्देश्य से प्रकाशित की गई है।

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