Property खरीदना है? डॉक्यूमेंट्स न चेक किए तो पछताना पड़ेगा!
भारत में घर खरीदना हर इंसान का सपना होता है। लेकिन कई बार लोग जल्दबाजी में घर तो खरीद लेते हैं, लेकिन ज़रूरी Property Legal Documents की जांच करना भूल जाते हैं। और यही छोटी सी लापरवाही बाद में बहुत भारी पड़ सकती है।
अगर आप भी कोई फ्लैट, प्लॉट या बिल्डिंग खरीदने का सोच रहे हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए बहुत ज़रूरी है। इसमें हम बताएंगे 5 ऐसे जरूरी लीगल डॉक्यूमेंट्स जो हर प्रॉपर्टी खरीदने से पहले आपको चेक करने ही चाहिए।
1. सैल डीड (Sale Deed)
यह सबसे पहला और अहम डॉक्यूमेंट है जो यह प्रूव करता है कि प्रॉपर्टी आपके नाम ट्रांसफर हुई है। बिना सैल डीड के आप लीगल मालिक नहीं माने जाएंगे। कई बार लोग सिर्फ एग्रीमेंट ऑफ सेल पर भरोसा कर लेते हैं, जो एक बहुत बड़ी गलती है।
सैल डीड रजिस्ट्रार ऑफिस में रजिस्टर्ड होनी चाहिए। अगर नहीं हुई, तो वह लीगली वैलिड नहीं मानी जाएगी।
2. मदर डीड (Mother Deed)
Property Legal Documents की लिस्ट में मदर डीड एक बेसिक लेकिन इंपॉर्टेंट डॉक्यूमेंट है। ये डॉक्यूमेंट बताता है कि पिछला ओनर कौन था, और कैसे प्रॉपर्टी एक से दूसरे के पास ट्रांसफर हुई।
अगर मदर डीड नहीं मिलती, तो उसकी सर्टिफाइड कॉपी सब-रजिस्ट्रार ऑफिस से निकलवाई जा सकती है।
3. एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट (Encumbrance Certificate)
ये डॉक्यूमेंट यह साबित करता है कि उस प्रॉपर्टी पर कोई लोन, बकाया, या लीगल केस तो नहीं चल रहा है। अगर यह डॉक्यूमेंट क्लीन नहीं है, तो आप कभी भी उस प्रॉपर्टी को खरीदने की गलती न करें।
यह सर्टिफिकेट 10 से 15 साल की हिस्ट्री बताता है और इसे सब-रजिस्ट्रार ऑफिस से लिया जा सकता है।
4. बिल्डिंग अप्रूवल प्लान (Building Approval Plan)
अगर आप फ्लैट या बनी हुई बिल्डिंग खरीद रहे हैं तो बिल्डिंग का अप्रूवल प्लान चेक करना बहुत जरूरी होता है।
यह सुनिश्चित करता है कि कंस्ट्रक्शन लोकल अथॉरिटी से अप्रूव हुआ है या नहीं। अगर नहीं है, तो कभी भी उस प्रॉपर्टी में इन्वेस्ट ना करें।
5. ओक्यूपेंसी सर्टिफिकेट (Occupancy Certificate)
ये डॉक्यूमेंट यह बताता है कि लोकल म्युनिसिपल बॉडी ने उस प्रॉपर्टी को रहने लायक घोषित किया है या नहीं।
बिना ओक्यूपेंसी सर्टिफिकेट के कई बार पानी, बिजली कनेक्शन तक नहीं मिलते। और अगर आप घर खरीद कर वहां रहने की सोच रहे हैं तो ये डॉक्यूमेंट बहुत जरूरी है।
Bonus Tips While Checking Property Legal Documents
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सभी डॉक्यूमेंट्स की ऑरिजिनल कॉपी देखें, सिर्फ फोटोकॉपी से काम न चलाएं।
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हर डॉक्यूमेंट पर सेलर और बायर दोनों के सिग्नेचर होने चाहिए।
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अगर शक हो तो प्रॉपर्टी लॉयर की मदद ज़रूर लें।
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ज़रूरत हो तो RTI डालकर अथॉरिटी से जानकारी मांगी जा सकती है।
Common Mistakes People Do (जो आपको नहीं करनी है)
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बिल्डर की बातों पर आंख मूंदकर भरोसा कर लेना।
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सिर्फ लोकेशन या प्राइस देखकर डील फाइनल करना।
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लोन अप्रूव होने को ही लीगल वेरिफिकेशन मान लेना (जो कि गलत है)।
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एक डॉक्यूमेंट सही मिला तो बाकी को चेक न करना।
Why This is More Important in 2025?
2025 में रियल एस्टेट मार्केट तेजी से बढ़ रहा है। फ्रॉड केस भी बढ़े हैं। बहुत सारे बोगस बिल्डर मार्केट में आ गए हैं जो नकली डॉक्यूमेंट्स बनाकर प्रॉपर्टी बेचते हैं। ऐसे में Property Legal Documents की सही जांच करना अब और भी जरूरी हो गया है।
सतर्कता ही बचाव है!
अगर आप प्रॉपर्टी खरीदने जा रहे हैं, तो ऊपर बताए गए सभी 5 लीगल डॉक्यूमेंट्स की अच्छी तरह जांच करें। कुछ लोग चक्कर में पड़कर डॉक्यूमेंट्स को इग्नोर कर देते हैं और बाद में पछताते हैं। बेहतर है थोड़ा समय और पैसा अभी लगा लें, ताकि बाद में लाखों का नुकसान न हो।
Disclaimer:
यह लेख सिर्फ जनरल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। प्रॉपर्टी खरीदने से पहले किसी रजिस्टर्ड प्रॉपर्टी लॉयर या रियल एस्टेट एक्सपर्ट की सलाह लेना उचित होगा। लेखक इस जानकारी के आधार पर किसी भी लेन-देन की ज़िम्मेदारी नहीं लेता।
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