क्या आपको UPI से पेमेंट करने की आदत है? तो हो जाएं सावधान, क्योंकि आज से UPI New Rules Update के तहत दो बड़े बदलाव लागू हो चुके हैं। ये बदलाव हर UPI यूजर की जेब पर असर डाल सकते हैं। अगर आप BHIM, PhonePe, Google Pay, Paytm या किसी भी UPI ऐप का यूज़ करते हैं, तो ये जानकारी आपके लिए बहुत जरूरी है।
इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे कि UPI New Rules Update क्या है, किन दो बड़े नियमों में बदलाव किया गया है, और ये बदलाव आपके दैनिक लेन-देन को कैसे प्रभावित करेंगे। साथ ही, हम जानेंगे कि सरकार और NPCI ने ये बदलाव क्यों किए हैं, और आम लोगों को इससे क्या सावधानी बरतनी चाहिए।
UPI New Rules Update 2025 क्या है?
UPI (Unified Payments Interface) भारत में सबसे तेज़ और लोकप्रिय डिजिटल पेमेंट सिस्टम बन चुका है। चाहे 10 रुपये की चाय का बिल हो या 10,000 रुपये की शॉपिंग, लोग आजकल कैश की जगह UPI से पेमेंट करना ज्यादा पसंद करते हैं।
लेकिन 7 अगस्त 2025 से UPI New Rules Update लागू हो चुका है, जिसमें दो बड़े बदलाव हुए हैं – एक बैंकिंग चार्ज से जुड़ा है और दूसरा लेन-देन की सीमा से।
पहला बड़ा बदलाव: High Value Transaction पर लगेगा चार्ज
अब तक UPI से पेमेंट करने पर कोई भी extra charge नहीं लगता था, लेकिन अब NPCI (National Payments Corporation of India) ने नया नियम लागू किया है, जिसके तहत अगर आप किसी भी दिन ₹2000 से ज्यादा की पेमेंट करते हैं, तो interchange fee या processing charge देना पड़ सकता है।
कौन-कौन से ट्रांजैक्शन पर चार्ज लगेगा?
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अगर आप Prepaid Wallets (जैसे Paytm Wallet, PhonePe Wallet) के जरिए पेमेंट करते हैं।
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₹2000 से ऊपर के ट्रांजैक्शन पर कुछ बैंक्स अब 0.5% से 1.1% तक का चार्ज ले सकते हैं।
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ये चार्ज मर्चेंट पेमेंट (Shop, Online Store, etc.) पर ज्यादा लागू होगा, न कि पर्सनल ट्रांसफर पर।
किन्हें सबसे ज्यादा असर होगा?
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दुकानदारों और ऑनलाइन सेलर्स को, क्योंकि उन्हें ज्यादा चार्ज देना पड़ सकता है।
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ग्राहक भी अप्रत्यक्ष रूप से इस चार्ज का असर महसूस करेंगे, क्योंकि दुकानदार ये एक्स्ट्रा अमाउंट प्रोडक्ट के रेट में जोड़ सकते हैं।
दूसरा बड़ा बदलाव: Inactive UPI ID होगी बंद
अगर आपने लंबे समय से अपनी UPI ID से कोई ट्रांजैक्शन नहीं किया है, तो सावधान हो जाइए। क्योंकि अब NPCI के अनुसार यदि कोई UPI ID 1 साल तक Inactive रहती है, तो वह ऑटोमैटिकली डिएक्टिवेट हो जाएगी।
इससे क्या असर पड़ेगा?
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आपको दोबारा KYC करवाना पड़ सकता है।
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पुराना UPI Handle दोबारा activate नहीं होगा तो नया ID बनवाना पड़ेगा।
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बैंक की ओर से कुछ essential सिक्योरिटी checks हो सकते हैं।
क्यों किए गए ये बदलाव?
ये सवाल सभी के मन में है कि सरकार ने अचानक ये UPI New Rules Update क्यों लागू किए?
कारण:
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सिस्टम पर लोड कम करना: देश में रोज़ाना करोड़ों ट्रांजैक्शन होते हैं, जिनमें कई बार फेक या फ्रॉड ट्रांजैक्शन भी शामिल होते हैं। Inactive IDs से ऐसी activities बढ़ सकती हैं।
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Revenue Generation: चूंकि UPI एक फ्री सर्विस बन चुकी थी, बैंक और पेमेंट गेटवे कंपनियों को कोई फायदा नहीं हो रहा था। अब इससे उनकी लागत कवर हो सकेगी।
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Secure Ecosystem बनाना: अपडेटेड चार्ज और एक्टिव ID सिस्टम से फ्रॉड कम होंगे और यूजर की सुरक्षा बेहतर होगी।
क्या आपको अब UPI से पेमेंट बंद कर देना चाहिए?
बिल्कुल नहीं।
UPI अब भी सबसे सुविधाजनक, तेज़ और सुरक्षित पेमेंट ऑप्शन है। हां, बस अब थोड़ा जागरूक रहना जरूरी है। अगर आप बहुत ज्यादा पेमेंट करते हैं या बिज़नेस में UPI यूज़ करते हैं, तो इन चार्जेस का ध्यान रखें।
UPI यूजर्स के लिए जरूरी सुझाव (Important Tips for UPI Users)
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₹2000 से ज्यादा के ट्रांजैक्शन एक बार में न करें, उसे दो हिस्सों में बांट दें।
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हमेशा बैंक UPI से ट्रांजैक्शन करें, वॉलेट से करने पर ज्यादा चार्ज लग सकता है।
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अपने UPI ID को एक्टिव रखें, कम से कम महीने में एक बार ट्रांजैक्शन करें।
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अगर आप व्यापारी हैं, तो अपने ग्राहकों को पहले ही UPI चार्ज के बारे में सूचित करें।
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नए UPI ऐप्स का इस्तेमाल करने से पहले उनकी KYC और सिक्योरिटी पॉलिसी ज़रूर पढ़ें।
कुछ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs on UPI New Rules Update)
Q1: क्या ₹2000 से कम की पेमेंट पर कोई चार्ज लगेगा?
नहीं। ₹2000 से कम की पेमेंट पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं है।
Q2: क्या ये चार्ज हर किसी को देना होगा?
नहीं। ये चार्ज मुख्य रूप से व्यापारी लेन-देन (merchant transactions) पर लागू होगा, न कि पर्सनल यूजर्स पर।
Q3: क्या QR कोड से पेमेंट करने पर भी चार्ज लगेगा?
Depends. अगर वो QR वॉलेट से जुड़ा है, और पेमेंट ₹2000 से ऊपर है, तो चार्ज लग सकता है।
Q4: inactive UPI ID का क्या मतलब है?
जिस ID से पिछले 12 महीने में कोई ट्रांजैक्शन नहीं हुआ, वो Inactive मानी जाएगी।
Final Words: क्या बदलाव अच्छे हैं या बुरे?
अगर देखा जाए तो ये बदलाव UPI ecosystem को मजबूत करने के लिए किए गए हैं। हां, आम आदमी पर थोड़ा financial burden ज़रूर आएगा, लेकिन इसका मुख्य मकसद secure, fast और maintainable डिजिटल सिस्टम तैयार करना है।
जो लोग डिजिटल पेमेंट का सही इस्तेमाल करते हैं और समय-समय पर ट्रांजैक्शन करते हैं, उनके लिए ये बदलाव ज्यादा परेशानी नहीं बनेंगे।
Disclaimer:
इस ब्लॉग में दी गई जानकारी पब्लिक डोमेन और न्यूज सोर्सेस पर आधारित है। UPI New Rules Update से जुड़े सभी नियम समय के साथ बदल सकते हैं। कृपया अपने बैंक या UPI ऐप की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर अपडेट जरूर चेक करें। हम इस ब्लॉग में दी गई जानकारी की पूर्ण सटीकता की गारंटी नहीं देते हैं।